देश के सभी थानों में तीन महीनों के अंदर लग जाने चाहिए सीसीटीवी कैमरे,,, 1269: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिसंबर 2020 को अपने एक आदेश में निर्देश दिए थे कि वह पारदर्शिता के साथ अभियुक्तों एवं विचाराधीन कैदियों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अपनी जांच एजेंसियों के कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल करे, अब सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस आदेश का अनुपालन करने के लिए केंद्र सरकार को 18 जुलाई तक तीन महीने की समयसीमा दी है।

द वायर ने अपने लेख में द हिंदू का हवाला देते हुए लिखा है कि जस्टिस बीआर गवई के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा कि यह कितना ‘निराशाजनक’ है कि कई एजेंसियों ने अदालत के आदेश का पालन करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा ‘जहां तक भारत सरकार की बात है तो यह देखना निराशाजनक है कि सात जांच एजेंसियों में से चार जांच एजेंसियों के मामले में कोई गंभीर कदम नहीं उठाया गया है.’

कोर्ट ने निर्देश दिया कि अगर केंद्र ने अनुपालन नहीं करने और एक हलफनामा दायर करने का विकल्प चुना है, तो ‘भारत सरकार के सचिव (गृह) सुनवाई की अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप से अदालत के सामने उपस्थित रहेंगे और कारण बताएंगे कि उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई क्यों न की जाए।

दिसंबर 2020 के फैसले में जस्टिस रोहिंटन नरीमन (सेवानिवृत्त) के नेतृत्व वाली तीन जजों की पीठ ने विशेष रूप से केंद्र सरकार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), राजस्व खुफिया विभाग (डीआरआई), सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन ऑफिस (सीएफआईओ) और ‘कोई भी एजेंसी जो पूछताछ करती है और गिरफ्तार करने की शक्ति रखती है’, के कार्यालयों में सीसीटीवी और रिकॉर्डिंग उपकरण लगाने का निर्देश दिया था.

अपने नए आदेश में, माननीय न्यायालय ने कहा हैं कि केंद्र और राज्यों ने अभी तक फैसले का पूरी तरह से पालन नहीं किया है।

जस्टिस गवई की पीठ ने जोर देकर कहा, ‘यह विरोधात्मक मुकदमेबाजी नहीं है जब इस कोर्ट ने पुलिस थाने और जांच एजेंसियों के अधिकारियों में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए निर्देश जारी किए थे, तो भारत सरकार और राज्य सरकारों/केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देशों का पालन करना चाहिए था.’ आदेश में कहा गया है कि केवल दो केंद्र शासित प्रदेशों अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, और लद्दाख- के साथ-साथ मिजोरम और गोवा राज्यों ने निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया है और बजटीय आवंटन के साथ-साथ वास्तव में सीसीटीवी कैमरों को लगाया है।

 

कोर्ट ने आदेश दिया हैं कि किसी भी राज्य सरकार या केंद्रशासित प्रदेश के मुख्य सचिव या प्रशासक, जो अदालत के निर्देश का पालन करने में विफल रहे और 18 जुलाई से पहले आवश्यक हलफनामा दायर करने में विफल रहते हैं, उन्हें भी ‘व्यक्तिगत रूप से इस अदालत में सुनवाई की अगली तारीख पर यह बताने के लिए उपस्थित रहना चाहिए कि उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए।

 

NEWS SOURCE : thechhattisgarhlive

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