स्पोंडिलोसिस के दर्द को न करें नजरअंदाज: रोहित गुप्ता

फरीदाबाद : बदलती लाइफ स्टाइल में आज लोगों के उठने बैठने का चलने बदल गया है। घरों में देर तक गर्दन झुकाकर लिखने पड़ने का कार्य करना। ऑफिस में गर्दन झुकाकर देर तक कंप्यूटर पर कार्य करना व्यक्ति को सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस का शिकार बना रहा है। यह कहना है। ग्रेटर फरीदाबाद स्थित एकॉर्ड अस्पताल के न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट चेयरमैन डॉ. रोहित गुप्ता का। उन्होंने कहा कि आमतौर पर लोग गर्दन में होने वाले दर्द नजरअंदाज करते हैं, जो बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।
वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. रोहित गुप्ता ने कहा कि स्पोंडिलोसिस एक ऐसी बीमारी है जो रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करती है। आमतौर पर कमर से लेकर सिर तक जाने वाली रीढ़ की हड्डी में दर्द होने को ही स्पोंडिलोसिस कहा जाता है। यह बीमारी बोंन डेंसिटी कम होने पर असर दिखाना शुरु करती है। इसका दर्द गर्दन के निचले हिस्से, दोनों कंधों, कॉलर बोन तक पहुंच जाता है। इससे गर्दन घुमाने में परेशानी होती है और कमज़ोर मासपेशियों के कारण, हाथों को उठाना भी मुश्किल होता है। कैल्शियम और विटामिन डी की कमी के कारण हड्डियों के कमजोर होने से भी यह बीमारी होती है। इसके अलावा सोते समय ऊंचा तकिया रखना, लेटकर पढना, टीवी देखना और घंटों कंप्यूटर के सामने बैठना। घंटों भर सिलाई बुनाई करना। ऑफिस में घंटों एक ही स्थिति में बैठकर कंप्यूटर पर काम करना, लंबे समय तक ड्राइविंग करना भी इस बीमारी की वजह शर्म लक्षण व परेशानियां
-कई बार गर्दन का दर्द हलके से लेकर ज्यादा हो सकता है।
-गर्दन में दर्द और गर्दन का अकड़ना, स्थिति को गंभीर करने की मुख्य वजह हैं।
-सर में पीछे की ओर दर्द का होना।
-कंधों में दर्द और जकड़न पैदा होना।
-हाथों में सुन्नपन होना।
-दर्द दोनों हाथों की उंगलियों में जाना, जिसे हम सर्वाइकल रेडीकुलोपैथी कहते हैं। यह नस के दबने की वजह से होता है।
क्या करें
– हमेशा कमर को सीधा करके बैठे
-30 से 40 मिनट के अंतराल में बैठने की अवस्था को बदलें
– लंबे समय तक एक ही अवस्था में न खड़े न रहें।
– कुर्सी पर बैठने के बाद पैरों को फैला लें।
– ऑफिस में काम करते समय लगातार बैठे न रहें, 5 से 10 मिनट टहलें भी। इससे शरीर की मांसपेशियों को आराम मिलता है।
-पौष्टिक भोजन खाएं, खासकर ऐसा भोजन जो विटामिन डी और कैल्शियम से भरपूर हो।

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