श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय सीनियर सेकेंडरी स्कूल की पहली प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित
FARIDABAD : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि देश के पहले इनोवेटिव स्किल स्कूल को उद्योग के साथ जोड़ा जाएगा। इससे विद्यार्थियों के लिए रोजगार और उद्यमिता विकसित करने में मदद मिलेगी। साथ ही उन्होंने भविष्य में दोहरी सर्टिफिकेट प्रणाली लागू करने की बात भी कही। वह मंगलवार को श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय सीनियर सेकेंडरी स्कूल की पहली प्रबंधन समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि देश का पहला स्किल स्कूल मॉडल सफल रहा है।
अब स्कूल को 12वीं कक्षा तक संबद्धता मिल गई है। स्कूल का दसवीं कक्षा का पहला परीक्षा परिणाम शत प्रतिशत रहा। डॉ. राज नेहरू ने कहा कि आवेदनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। शिक्षकों के क्षमता निर्माण से लेकर विद्यार्थियों को हर तरह का एक्सपोजर देने के लिए काम किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस स्कूल में 1000 विद्यार्थियों की क्षमता विकसित की जाएगी। इसी तर्ज पर 10 नए स्कूल खोलने की योजना पर भी तेजी से काम चल रहा है।
कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि विद्यालय के स्किल कोर्स की मैपिंग विद्यार्थी की उच्च शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों तथा कौशल के उभरते हुए क्षेत्रों के तहत की गई है ताकि वो रोजगार प्राप्त करने के हुनर अथवा उद्यमशीलता के कौशल प्रदत हो सकें।
इनोवेटिव स्किल स्कूल के प्राचार्य डॉ. जलबीर सिंह ने स्कूल का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि स्कूल में आवेदनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इस बार पहली दफे 11वीं क्लास में दाखिले होंगे। डॉ. जलबीर सिंह ने बताया कि स्किल स्कूल में आधुनिक लैब, पुस्तकालय व अन्य सुविधाएं जुटाई गई हैं। उन्होंने स्किल स्कूल के मॉडल पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने प्राचार्य डॉ. जलबीर सिंह को इन उपलब्धियों के लिए बधाई दी।
इस बैठक में विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रो. ज्योति राणा, गांव दुधौला के सरपंच सुनील चौधरी तथा विद्यालय की प्रबंध समिति के सदस्य उर्मिला सुधाकर, प्रो. वीना पण्डिता, संदीपा राय, प्रोसेसर ऑफ प्रैक्टिस डॉ. प्रिया सोमैया, अनिल कुमार और बबिता देशवाल भी मौजूद थे।