किसानों की आय दोगुना करने में बागवानी है कारगर साबित : डीसी विक्रम सिंह
फरीदाबाद : डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि किसानों की आय दोगुना करने में बागवानी कारगर साबित हो रही है। वहीं किसानों को कैम्पों के जरिये बागवानी करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार आजादी के अमृत महोत्सव की श्रंखला में उद्यान विभाग द्वारा जिला फरीदाबाद के गांव हीरापुर, मंझावली, कबूलपुर पट्टी में ग्राम स्तरीय जागरूकता कैम्प के आयोजन किये गये। जहां इन जागरूकता कैम्स में मेरी फसल मेरा ब्यौरा, मेरा पानी मेरी विरासत, मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना, भावान्तर भरपाई योजना व विभागीय योजनाओं के पंजीकरण करने के लिए व प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए व योजनाओ के बारे में किसानो को विस्तार से जानकारी दी गई।
कैम्प में जिला उद्यान अधिकारी डॉ रमेश कुमार और कर्यालय में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों ने विभाग मुख्य योजनाओं के बारे में किसानों को विस्तार से जानकारी दी गई। जो इस प्रकार से है। उन्होंने बताया कि CCDP/फसल क्लस्टर विकास प्रोग्राम योजना के अंतर्गत सब्जी उत्पादन पर 15000/-एक मल्चिंग 6400/- रूपये एक प्लास्टिक टनल पर रुपये 14.50 प्रति वर्ग मीटर /कर्ट क्षेत्र के आधार पर बारा स्टैकिंग पर 31250/-रुपये प्रति एकड आयरन स्टैकिंग पर 70500/-रुपये प्रति एकड अनुदान बागवानी विभाग द्वारा किसानों को दिया जाता है।
पैक हाउस पर 165000/- रुपये प्रति इकाई कम लागत प्याज भंडारण पर 87500/-रुपये प्रति इकाई नेट हाउस/ at Shape पर 370/- तीरपाल पर 3055/- पालन पर 85 प्रतिशत धनराशि राशि अनुदान के रूप में दी जाती है। इसके अतिरिक्त GAP/अच्छी कृषि पद्धतिया स्कीम के तहत Solar Led Trap पर 3000/- प्रति इकाई फोन पर 18/-प्रति ट्रैप और SCSP योजना में अनुसूचित जाति / जनजाति के किसानों के लिए उत्पादन पर 25500/-रुपये प्रति 100 बास स्टैकिंग पर 53125/-रुपये प्रति एक एकड़ स्टैकिंग पर और 119850/-रूपये प्रति एकङ अनुदान दिया जाता है। बता दें कि फरीदाबाद जिला में बागवानी विभाग द्वारा वर्ष 2022-23 में किसान के लिए मुख्यमंत्री भावान्तर बीमा योजना/ भावान्तर भरपाई योजना शुरु की गई है। मुख्यमंत्री बीमा योजना में टमाटर, प्याज, आलू, फूलगोभी, बन्दगोबी, फूलगोबी, गाजर, मटर, घीया, भिन्डी, घीया, मूली शामिल हैं। ओलावृष्टि, जलभराव, आगजनी आदि किसी प्राकृतिक आपदा के कारण फसल में नुकसान होने पर सब्जी में 750 रुपये प्रीमियम भरने पर किसान को 0-50 प्रतिशत नुकसान पर 15000 रुपये, 50-75 प्रतिशत नुकसान पर 22500 रुपये, 75-100 प्रतिशत नुकसान होने पर 30000 रुपये अनुदान राशि दी जाती है। वहीं फलों में 1000 रुपये प्रीमियम भरने पर किसान को 0-50 प्रतिशत नुकसान पर 20000 रुपये, 50-75 प्रतिशत नुकसान पर 30000 रुपये, 75-100 प्रतिशत नुकसान होने पर 40000 रुपये अनुदान राशि दी जाती है।
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान द्वारा मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना व मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। भावान्तर भरपाई योजना के अंतर्गत भी उपरोक्त 21 फसलें जिनमें 14 सब्जिया, 2 मसाले व 5 फलदार फसलें शामिल हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान द्वारा मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना व जे फार्म भरना अनिवार्य है। जागरूकता कैम्पों में किसानों को बागवानी अधिकारियों द्वारा किसानों को विभागीय योजनाओं से रूबरू करवाया गया। इसके अतिरिक्त बागवानी विभाग द्वारा किसानों को योजनाओं के पम्पलेट्स भी वितरित किए गए। ताकि किसान ज्यादा से ज्यादा योजनाओं का लाभ ले सके। किसानो से आह्वान किया गया है की किसान उद्यान विभाग योजनाओ को ज्यादा से ज्यादा अपनाएंगे। जिससे किसान बागवानी फसले लेकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं।
उन्होंने किसानो से आह्वान किया की विभागीय योजनाओं मेरा पानी मेरी विरासत को अपनाकर धान की फसल को छोड़ कर बागवानी की फसले अपनाये जिससे पानी की बचत हो सके तथा अधिक आय प्राप्त कर सके। खेतों में फलदार पौधों के बाग़ लगाने वाले किसानों को बागवानी विभाग अब ज्यादा सब्सिडी देगा। अब विभाग ने किसानों को मिलने वाली सब्सिडी को बढाकर 50 प्रतिशत तक कर दिया है। सब्सिडी की राशि बाग़ लगाने वालों किसानों को तीन किस्तों में दी जाएगी। अधिक सब्सिडी देकर सरकार का मकसद किसानों की आय व फलों के उत्पादन को बढाना है। एक किमान को अधिकतम 10 एकड़ बाग तक सब्सिडी दी जाएगी। चार केटेगरी में अलग अलग सब्सिडी मिलेगी।बागवानी विभाग ने
चार बेटेगरी बनाई है। चारों कटेगरी में विमानों को सब्सिडी उसी आधार पर अलग मिलेगी। पहली बेटेगरी में एक एक्ट में छह गात मीटर की दूरी पर 95 पोधे लगाए जाएंगे। इसमें बेर आदि के फलदार पौधे लगा सकते हैं। इसमें जो विमान धान की फसल की जगह बाग लगायेंगे। उन्हें 32500 रुपए प्रति एकड व जो किसान सामान्य जगह पर बाग लगायेंगे। उन्हें 25500 रुपए प्रति एक एकङ सब्सिडी मिलेगी। पहले साल जो किसान धान की फसल की जगह बाग लगायेंगे उन्हें 19500 रूपए व सामान्य जगह पर बाग लगाने वाले किसानो को 12500 रूपए दिए जायेंगे, दुसरे व तीसरे साल 6500- 6500 रूपए दिए जाएंगे। वहीं दूसरी केटेगरी में छह छह मीटर पर एक एकड़ में 110 या इससे ज्यादा पौधे अमरुद, निम्बू आदि के फलदार पौधे लगेंगे।
इसमें जो विज्ञान धान की फसल की जगह बाग लगायेंगे उन्हें 50 हजार रूपए प्रति एकड़ व जो किसान सामान्य जगह पर बाग़ लगायेंगे उन्हें 43000 रूपए प्रति एकड सब्सिडी मिलेगी। पहले वर्ष किसान को धान की फसल की जगह बाग़ लगाने पर 30 हजार व सामान्य जगह पर बाग लगाने पर 23000 रूपए दिए जायेंगे, दुसरे व तीसरे साल 10-10 हजार रूपए प्रति एकड़ मिलेंगे। चोथी बेटेगरी में आठ गुना आठ मीटर दूरी पर टिश्यू कल्चर खजूर के बाग़ लगाने पर 1 लाख 40 हजार रूपए सब्सिडी मिलेगी। इसमें ज्यादातर खजूर के पौधे लगते हैं। पहले साल किसान को 84 हजार, दुसरे व तीसरे साल 28-28 हजार रुपए सब्सिडी मिलेगी। सरकार ने बाग लगाने वालों को अब 50 प्रतिशत सब्सिडी देने का निर्णय लिया है। सब्सिडी से किसान का खुद का खर्च बहुत कम हो जाता है। बागवानी में सामान्य फसलों से कहीं ज्यादा आय प्राप्त होती है। सब्सिडी के लिए किसान कार्यालय डबुआ मण्डी में संपर्क कर सकते हैं।