कोच्चि स्थित अमृता अस्पताल ने स्वास्थ्य क्षेत्र में आधिकारिक तौर पर दक्षिण एशिया के पहले एक्टेंडेड रिएलिटी इको-सिस्टम को किया लॉन्च
NEW DELHI : कोच्चि स्थित 1,350 बिस्तरों वाले भव्य अमृता अस्पताल ने स्वास्थ्य क्षेत्र में एक्टेंडेड रिएलिटी (XR) द्वारा समर्थित इको-सिस्टम की शुरुआत कर दी है. यह एक ऐसी आधुनिक तकनीक है जो ऑगमेंटेड रिएलिटी (AR), वर्चुअल रिएलिटी (VR) और मिक्स्ड रिएलिटी (MR) टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से मरीज़ की देखभाल, स्वास्थ्य संबंधी प्रशिक्षण और अनुसंधान को पहले से और बेहतर और प्रभावी बनाता है. स्वास्थ्य के क्षेत्र से जुड़े जानकारों का मानना है कि इन सभी आधुनिकतम टेक्नोलॉजी के संयुक्त उपयोग की प्रक्रिया भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में हो रही क्रांति का आभास करा रही है.
कोच्चि स्थित अमृता अस्पताल के पेडियाट्रिक कार्डिओलॉजिस्ट और 3D लैब्स के प्रमुख डॉ. महेश कप्पानइल कहते हैं, “अमृता अस्पताल में एक्टेंडेड रिएलिटी का लागू किया जाना हमारी अनुसंधान टीम द्वारा एक लम्बे अर्से से की जा रही कड़ी मेहनत व गहन शोध का नतीजा है. अब तक 150 मरीज़ों पर इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा चुका है जिसके नतीजे बड़े ही सकारात्मक रहे हैं. उल्लेखनीय है कि एक्टेंडेड रिएलिटी शुरुआती तौर पर गेमिंग इंडस्ट्री में लोकप्रिय हुआ करती थी. ऐसे में गेमिंग टेक्नोलॉजी को मेडिकल के क्षेत्र में उपयोग में लाना एक बेहद जटिल और चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया थी. यह उपलब्धि अमृता अस्पताल के मौजू्दा 3D लैब और 3D प्रिंटिंग क्षमताओं से भी कहीं बड़ी है और इससे माध्यम से अस्पताल को अपने पहले ‘पॉइंट ऑफ़ केअर’ वर्चुअल रिएलिटी लैब की स्थापना करने में ख़ासी मदद मिली है.”
अमृता अस्पताल द्वारा विकसित की गई एक्टेंडेड रिएलिटी समर्पित प्रणाली मेडिकल प्रोफ़ेशनलों को शरीर के किसी भी अंग को होलोग्राम की तरह देखने की सहूलियत प्रदान करती है. इससे हरेक मरीज़ पर निजी तौर पर ध्यान देना और सटीक ढंग से उन्हें औषधि उपलब्ध कराना आसान हो जाता है. इस संबंध में डॉ. महेश कप्पनाइल कहते हैं, “मेटावर्स कॉन्सेप्ट को अपनाने से और सीटी स्कैन जैसे डाटा के इस्तेमाल से डॉक्टरों को जटिल बीमारियां को समझने, मुश्क़िल सर्जरी को प्लान करने और दुनिया भर के डॉक्टरों से साझेदारी करने में XR प्रणाली काफ़ी कारगर साबित हो रही है. यह प्रणाली दूरदराज बैठे मरीज़ों से जुड़ने और उनके इलाज संबंधी योजनाएं बनाने में असरदार साबित हो रही है. हम मेडिकल के छात्रों, टेलीमेडिसिन ऑपरेशन्स और रिमोट कनेक्टिविटी के लिए आधुनिक शिक्षा यंत्रणाओं को जोड़कर XR की क्षमताओं को और बढ़ाने संबंधी योजनाएं बना रहे हैं.” इन मसलों को लेकर अमृता अस्पताल, इंडस्ट्री के लीडर के तौर पर अपनी पहचान रखने वाले माइक्रोसॉफ़्ट और अन्य डेवलपरों के साथ मिलकर काम कर रहा है.
अमृता अस्पताल (कोच्चि) के पेडियाट्रिक कार्डिओलॉजी के प्रोफ़ेसर व प्रमुख डॉ. कृष्णकुमार कहते हैं, “अमृता अस्पताल समूह की पेडियाट्रिक कार्डियाक यूनिट मरीज़ों के लाभ के लिए 3D प्रिंटिंग व एक्सटेंडेट रिएलिटी (AR/VR) के इस्तेमाल में सबसे आगे रहा है. ये अत्याधुनिक 3D+ टेक्नोलॉजी हृदय समेत मानव शरीर के किसी भी अंग की सटीक प्रतिकृति तैयार करने में सहायक सिद्ध होते हैं जिससे बीमारी का गहन अध्ययन और सर्जरी करने से पहले बढ़िया ढंग से तैयारी करने का पूरा अवसर डॉक्टरों को मिलता है. इन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से मेडिकल जगत में एक किस्म की क्रांति का आगाज़ हो चुका है. इनके माध्यम से सर्जरी की सटीक योजना बनाने, कस्टमाइज़्ड प्रोस्थेटिक्स एवं इम्प्लान्ट्स, अनूठे व आधुनिक मेडिकल यंत्रों का विकास, उच्च मेडिकल शिक्षा व प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया भी पहले से कहीं अधिक आसान हो गई है.
अमृता अस्पताल एक ऐसा आधुनिक अस्पताल है जहां पर भारत का पहला ‘पॉइंट ऑफ़ केअर’ मेडिकल 3D प्रिंटिंग और वर्चुअल रिएलिटी लेबोरेटरी की व्यवस्था मौजूद है. उल्लेखनीय है कि यह अत्याधुनिक सुविधा अपने आप में बहुत ही अनूठी है और अब इसका इस्तेमाल मरीज़ों के सटीक इलाज और पर्सनलाइज़्ड तरीके से बढ़िया देखभाल के लिए अन्य अस्पतालों द्वारा किया जा रहा है.
डॉ. महेश कप्पानइल कहते हैं, “हमने 3D इमेजिंग सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए कई दुर्लभ व अनूठी किस्म की बीमारियों का इलाज करने में सफलता प्राप्त की है.
अस्पताल द्वारा उपचारित ऐसी तमाम मामले या तो दुनिया में पहले थे या फिर भारत में. बेहद आधुनिक किस्म की टेक्नोलॉजी होने के बावजूद भी दुनिया भर के महज़ चुनिंदा सेंटरों ने ही इसे बड़े पैमाने पर अपनाया है. हम ऐसे कई मरीज़ों का सफलतापूर्वक इलाज कर चुके हैं जिन्हें अन्य अस्पताल के डॉक्टर मानव अंगों संबंधी बीमारियों की जटिलताओं को समझने और प्रभावी ढंग से इलाज करने में नाकाम साबित हुए हैं. हमारे अस्पताल में इलाज की प्रक्रिया में मरीज़ के वास्तविक सीटी स्कैन को डिजिटल 3D फ़ाइल में तब्दील किया जाता है जिससे हरेक केस को 3D प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी यानी AR/VR की मदद से उसके तीनों आयामों की अच्छे से जांच-परख की जाती है.
उल्लेखनीय है कि साल 2022 में युगांडा की एक लड़की को एक बड़ी ही अनूठी किस्म की बीमारी हो गई थी. कई अस्पताल ने उसकी बीमारी की दुलर्भता और जटिलाओं को देखते हुए उसके इलाज से मना कर दिया था. ऐसे में कोच्चि स्थित अमृता अस्पताल उसकी उम्मीद के लिए आगे आया. अमृता अस्पताल (कोच्चि) के कार्डिओवास्कुलर व थोरासिस सर्जरी विभाग के एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉ. बृजेश पी. कोप्पाइल कहते हैं,
“अस्पताल की मेडिकल टीम ने उस मरीज़ की मदद करने की चुनौती को स्वीकार किया और एक्सटेंडेड रिएलिटी टेक्नोलॉजी की मदद से उसके केस को गहराई से परखा गया. इसके बाद बड़ी ही सावधानी और योजनाबद्ध तरीके से अस्पताल की मेडिकल टीम ने बड़े ही सफलतापूर्वक अंदाज़ में एक बेहद अहम सर्जरी को अंजाम दिया. उसके सफल सर्जरी और रिकवरी के ज़रिए अस्पताल ने एक और बड़ी और अहम उपलब्धि हासिल की. लड़की के इलाज से ना सिर्फ़ उस लड़की के परिजनों के दिलों में उम्मीद जगी, बल्कि पूरी मेडिकल बिरादरी को इससे लाभ हुआ.”