मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद ने ‘गायनी एंडोस्कोपी के बदलते रूप’ विषय पर हरियाणा चैप्टर आईएजीई (IAGE) के वार्षिक सम्मेलन की मेजबानी

फरीदाबाद  : मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद ने 29 और 30 अप्रैल 2023 को HIAGECON और हरियाणा चैप्टर IAGE के सहयोग से हरियाणा चैप्टर IAGE के वार्षिक सम्मेलन का आयोजन कर रहा है, जिसमें ‘गायनी एंडोस्कोपी के बदलते रूप’ पर ध्यान दिया जाएगा। दो दिवसीय कार्यशाला में सीखने के अनुभव के रूप में गायनी मिनिमली इनवेसिव सर्जरी पर लाइव कार्यशालाएं शामिल होंगी। मरीजों के इलाज के लिए एडवांस्ड तकनीक इन कार्यशालाओं का केंद्र बिंदु होगी। कार्यशाला को शैक्षणिक व्याख्यान से भरपूर टॉक, मुख्य भाषण, पैनल चर्चा, वीडियो प्रस्तुतियों, और पेपर एवं पोस्टर प्रस्तुतियों के साथ आगे बढ़ाया जाएगा। आज सम्मलेन का पहला दिन था और सम्मेलन का नेतृत्व मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद में स्त्री रोग और मिनिमली इनवेसिव गायनी सर्जरी विभाग की डायरेक्टर एवं एचओडी डॉ. निशा कपूर ने किया। डॉ निशा कपूर HIAGECON की आयोजन अध्यक्ष और हरियाणा चैप्टर IAGE की उपाध्यक्ष भी हैं। सम्मेलन की आयोजन टीम का नेतृत्व डॉ रागिनी अग्रवाल, अध्यक्ष, हरियाणा चैप्टर IAGE, डॉ निशा कपूर, उपाध्यक्ष हरियाणा IAGE, डॉ पूनम लूंबा, हरियाणा चैप्टर IAGE के सचिव, डॉ. सीमा मनुजा, हरियाणा चैप्टर IAGE की संस्थापक सदस्य कर रही हैं। आयोजन समिति की टीम के सदस्यों में डॉ ज्योति मलिक, डॉ पूजा गोयल, डॉ अमिता शाह, डॉ अनुपमा सेठी और डॉ मीनाक्षी गोयल शामिल हुईं। सम्मेलन के उद्घाटन के समय मैरिंगो एशिया हेल्थ केयर ग्रुप के मेडिकल डायरेक्टर लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. ए.के दास दास भी उपस्थित रहे।

आज सम्मेलन के दौरान मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में चार ऑपरेटिंग थिएटरों में की गई 18-20 सर्जरी का हॉस्पिटल के ऑडिटोरियम में लाइव प्रसारण किया गया है। ये जटिल टीएलएच, रेडिकल हिस्टेरेक्टॉमी पेल्विक ऑर्गन रिलैप्स, लैप सर्वाइकल सरक्लेज, हिस्टेरोस्कोपिक सर्जरी, और स्त्री रोग के व्यापक दायरे के कई पहलुओं में फैली कई अन्य प्रक्रियाओं में नियोजित सर्जरी हैं।
मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद में स्त्री रोग और मिनिमली इनवेसिव गायनी सर्जरी विभाग की डायरेक्टर एवं एचओडी डॉ. निशा कपूर ने कहा कि इस सम्मेलन में गायनेकोलॉजी (स्त्री रोग) के विभिन्न पहलुओं के विशेषज्ञ शामिल हुए हैं। एडवांस्ड तकनीकों और नई तकनीकों और उनके इस्तेमाल के साथ, हमने कैसे रोबोटिक सर्जरी ने एक नए युग की शुरुआत की, फाइब्रॉएड (रसौली) को एंडोस्कोपिक द्वारा हटाने, गुर्दा प्रत्यारोपण वाली महिलाओं में स्त्री रोग संबंधी समस्याएं जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रस्तुतियाँ और चर्चाएँ की हैं। मिनिमली इनवेसिव सर्जरी बताती है कि कैसे यह प्रक्रिया स्त्री रोग संबंधी सर्जरी के क्षेत्र को नियमित बदलती रहती है। यह वर्तमान में स्त्री रोग में कई बीमारियों के सर्जिकल उपचार के लिए देखभाल के मानक को स्पष्ट करती है। इस प्रक्रिया के फायदे पूरी तरह स्पष्ट हैं और नै तकनीकों के इस्तेमाल से मरीजों का काफी फायदा मिलेगा। यहां तक कि सबसे जटिल प्रक्रियाओं को भी आसान तरीके से किया जाता है, इससे ऑपरेशन के बाद भी काफी लाभ मिलते हैं।
डॉ. निशा कपूर ने कहा कि सर्जिकल प्रैक्टिस में एंडोस्कोपी की शुरुआत मेडिसिन के इतिहास की सबसे बड़ी सफलता की कहानियों में से एक है। हालांकि, जैसे-जैसे नई तकनीक आती हैं, यह जरूरी है कि इन तकनीकों का गंभीर रूप से मूल्यांकन किया जाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पेरिऑपरेटिव स्वास्थ्य समस्या और परिणाम कम से कम पारंपरिक सर्जिकल दृष्टिकोणों के बराबर हैं।
डॉ. अजय डोगरा, फैसिलिटी डायरेक्टर, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स, फरीदाबाद ने कहा कि मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स का ‘पेशेंट फर्स्ट’ का विजन है और यहां के डॉक्टर सबसे पहले इस बात पर ध्यान देते हैं कि उनके मरीजों के लिए क्या सबसे ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। पिछले दस सालों में गायनेकोलॉजिकल और ऑब्सटेट्रिक्स प्रक्रियाओं ने बहुत प्रगति की है। रोगी सुरक्षा के दृष्टिकोण से, मिनिमल इनवेसिव प्रक्रियाएं रोगियों के लिए अस्पताल में कम समय तक रहने, कम लागत और कम दर्द जैसे लाभ पहुंचाती हैं। ये प्रक्रियाएँ गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल समाधानों को लोगों के लिए किफायती बनाने में भी योगदान करती हैं।
डॉ. रागिनी अग्रवाल, चेयरपर्सन हरियाणा चैप्टर आईएजीई ने कहा कि ‘हमारा निरंतर प्रयास रहा है कि हम डॉक्टरों के अनुभवों के माध्यम से नई तकनीकों के इस्तेमाल में निरंतर सीखने की प्रक्रिया को जारी रखें ताकि नए परिणाम सामने आ सकें और रोगियों को अधिक लाभ मिल सके। स्त्री रोग के दायरे में प्रक्रियाओं में तकनीकों की प्रगति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और अपने साथियों को ज्ञान फैलाने के लिए उल्लेखनीय विशेषज्ञता वाले कई डॉक्टर हैं। एडवांस्ड प्रक्रियाओं के इस्तेमाल के माध्यम से रोगी के अनुभव को बढ़ाने के लिए सुखद आदान-प्रदान के साथ सम्मेलन दिलचस्प रहा है।
लेप्रोस्कोपिक और हिस्टेरोस्कोपिक सर्जरी, रोबोटिक सर्जरी, वायरलेस इलेक्ट्रॉनिक भ्रूण निगरानी और संभावित प्रबंधन वर्तमान में सामान्य समस्याओं के इलाज के लिए स्त्री रोग संबंधी सर्जरी में तेजी से उपयोग किया जाता है। पिछले कुछ दशकों में भारत में स्त्री रोग उपचार में महत्वपूर्ण प्रगति देखी गई है जिसमें प्रक्रियाओं को मिनिमल इनवेसिव तरीके से किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप तेजी से रिकवरी के बेहतर परिणाम सामने आए हैं। भारत में स्त्री रोग विशेषज्ञ अत्यधिक योग्य, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षित पेशेवर हैं जो महिला प्रजनन पथ की सभी जटिलताओं और समस्याओं को संबोधित करने के लिए वर्षों के सर्जिकल और चिकित्सा अनुभव के साथ अपने क्षेत्र में कुशल हैं। सरकार भारत को चिकित्सा वैल्यू ट्रैवल के लिए उच्च स्तर पर ले जाने के लिए तैयार है। यह बहुत दूर नहीं है कि देश चिकित्सा उपचार के लिए खोजे जाने वाले शीर्ष तीन देशों में से एक है, विशेष रूप से उच्च जोखिम वाली गर्भधारण, गाइनी ऑन्कोलॉजी और कई अन्य गाइनी सर्जरी के लिए जो अन्य देशों में उपलब्ध नहीं हैं

Related Articles

Back to top button