राम मंदिर बन रहा है चुनावी मुद्दा, कर्नाटक में चुनाव से पहले धर्म की राजनीति गरमाई

आज राम नवमी है। इस मौके पर पूरे संसार में भगवान राम की विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है, लेकिन कर्नाटक में भगवान राम को लेकर सियासत हो रही है। जाहिर है कि कर्नाटक में 10 मई को चुनाव है, ऐसे में यहां राम के नाम पर राजनीति शुरू हो गई है। यहां बीजेपी दावा कर रही है कि कर्नाटक के रामनगर में अयोध्या की तर्ज पर एक भव्य मंदिर बनेगा। वहीं, कांग्रेस कह रही है कि चुनाव आते ही बीजेपी को राम याद आ गए, क्या भगवान राम कर्नाटक में बीजेपी की बहुमत की सरकार बनवा देंगे?

मंदिर को भव्य बनाना चाहती है बीजेपी

बेंगलुरु से तकरीबन 60 KM दूर रामनगर जिले में एक पहाड़ी पर भगवान राम का मंदिर बना है। मान्यता है कि जब भगवान राम वनवास काट रहे थे, तब उन्होंने कुछ वक्त इन्हीं पहाड़ियों पर बिताया था और कई अरसे पहले यहां भगवान राम का मंदिर बना। अब बीजेपी इस साधारण से दिखने वाले मंदिर को भव्य बनाना चाहती है। मंदिर का जीर्णोद्धार होने के बाद ये मंदिर कैसा दिखेगा, इसका एक 3D इंप्रेशन भी रामनगर के डिस्ट्रिक इंचार्ज मिनिस्टर सी एन अश्वथ नारायण ने जारी किया है।

राम मंदिर के निर्माण के लिए पैसे आवंटित 

इस साल के बजट में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मठ मंदिरों के लिए 1,000 करोड़ रुपये आवंटित करने का ऐलान किया है। रामनगर में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए आरंभिक तौर पर 40 लाख आवंटित किए गए हैं। अब सरकार ने मंदिर का संभावित ब्लू प्रिंट जारी कर दिया है और IT/BT मिनिस्टर अश्वथ नारायण का कहना है कि फॉरेस्ट और पर्यावरण विभाग से क्लीयरेंस मिलने के साथ ही इस मंदिर का काम शुरू हो जाएगा।

बीजेपी के चुनावी दांव पर भड़की कांग्रेस 

राम मंदिर का नाम लेते ही कांग्रेस के कान खड़े हो गए हैं। इस बार कर्नाटक में कांग्रेस को सत्ता में आने की संभावनाएं दिख रही हैं। यही वजह है कि बीजेपी के इस चुनावी दांव पर कांग्रेस भड़क गई है।

कर्नाटक के ओल्ड मैसूर संभाग में रामनगर

वहीं, अब बीजेपी के इस सियासी दांव के पीछे की राजनीति समझते हैं। रामनगर कर्नाटक के ओल्ड मैसूर संभाग में आता है। यहां की 61 सीटों पर बीजेपी की पकड़ कमजोर है। राज्य के इस हिस्से में वोक्कालिगा समुदाय का दबदबा है और ये समुदाय विधानसभा चुनावों में पिछले तीन दशकों से जेडीएस को वोट देता आ रहा है। साल 2018 के चुनावों में बीजेपी को 61 में से सिर्फ 15 सीटें मिलीं थीं। बीजेपी के नेताओं को ये भी उम्मीद है कि राम मंदिर का या ये मुद्दा न सिर्फ ओल्ड मैसूर संभाग बल्कि राज्य के अन्य हिस्सों में भी हिंदू वोटर्स को पार्टी के पक्ष में लामबंद करने में मदद करेगा।

 

NEWS SOURCE : indiatv

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