‘हमारी प्राथमिकता सीमा सुरक्षा, पाकिस्तान से आतंकवाद पर ही होगी बात’, विदेश मंत्री जयशंकर का तीखा बयान

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने डोनाल्ड ट्रंप और पश्चिमी विश्लेषकों के भारत को आर्थिक सहयोग की सलाह को खारिज करते हुए कहा कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा सबसे पहले है। जयशंकर ने स्पष्ट कहा कि भारत के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है और किसी भी सरकार का पहला कर्तव्य देश की भौगोलिक सीमाओं की रक्षा करना है।

पश्चिमी देशों को नसीहत: “सुरक्षा माहौल को समझें”

जयशंकर ने कहा कि पश्चिमी देश लंबे समय तक एक सुरक्षित माहौल में रहे हैं, इसलिए वे भारत की सुरक्षा जरूरतों को ठीक से नहीं समझते। अब जब वे खुद यूक्रेन-रूस युद्ध जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं तो उन्हें यह बेहतर तरीके से समझ आएगा कि सीमाओं की रक्षा और सुरक्षा का क्या महत्व है।

पाकिस्तान पर कट्टरपंथ को बढ़ावा देने का आरोप-

एक इंटरव्यू में जयशंकर ने पाकिस्तान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। जब उनसे पूछा गया कि ट्रंप का मानना है कि भारत और पाकिस्तान आर्थिक फायदे के लिए तनाव खत्म कर सकते हैं, तो जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान आतंक और कट्टरपंथ को बढ़ावा देता है, जिससे भारत की सुरक्षा को खतरा है। ऐसे देश के साथ सामान्य आर्थिक रिश्ते संभव नहीं हैं।

भारत की अर्थव्यवस्था: तेज़ी से बढ़ती ताकत

जयशंकर ने यह भी साफ किया कि भारत आर्थिक विकास पर भी पूरा ध्यान दे रहा है। उन्होंने बताया कि भारत की विकास दर लगातार 6-8% बनी हुई है, और देश जल्द ही 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। भारत का ढांचागत विकास, मैन्युफैक्चरिंग और आबादी की स्थिति काफी मजबूत है। भारत कई वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है।

कश्मीर पर दो टूक: “यह भारत का हिस्सा है”

जब उनसे कश्मीर और पाकिस्तान के बीच बातचीत को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने साफ कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, और इस पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि जो हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में (PoK) है, उस पर बातचीत हो सकती है। यह बातचीत केवल भारत और पाकिस्तान के बीच होगी, किसी तीसरे देश की भूमिका की जरूरत नहीं है। उन्होंने ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश को स्पष्ट रूप से नकार दिया।

NEWS SOURCE Credit : punjabkesari

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