कर्नाटक में मजबूत होती भाजपा की वजह अमित शाह की रणनीति

कर्नाटकचुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है अमित शाह के मार्गदर्शन में भारतीय जनता पार्टी जोर-शोर से प्रचार अभियान में जुट गई है। राज्य की सभी 224 सीटों पर 10 मई को मतदान होगा और नतीजे 13 मई को आएंगे। भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार एवं कर्मठ नेता अमित शाह ने चुनाव में भाजपा की जीत को सुनिश्चित करने व भाजपा कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए कर्नाटक में डेरा डाल दिया है। चुनावी तैयारियों के लिए मशहूर अमित शाह जहाँ दिन भर रोड शो और रैली में व्यस्त रहते हैं, वहीं देर रात पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करके पार्टी को एकजुट करने तथा चुनाव में भाजपा का पताका फहराने के लिए रणनीति बनाने का काम करते हैं।

सोमवार को कर्नाटक के चामराजनगर और हासन में दो रोड शो के दौरान उमड़े जनसैलाब ने यह साबित कर दिया कि मोदी के बाद सबसे बड़े क्राउड पुलर हैं अमित शाह। सोमवार की शाम हुबली में संवाददाता सम्मेलन के दौरान उत्तर कर्नाटक के मुद्दों को उठाते हुए अमित शाह ने कांग्रेस-जेडीएस पर जमकर हमला बोला और कहा कि कर्नाटक की जनता को तय करना है कि मोदी जी के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार चाहिए जो सबको साथ लेकर विकास की राजनीति करती है या फिर कांग्रेस की रिवर्स गियर सरकार चाहिए जो कर्नाटक को दिल्ली का एटीएम बना देगी।

कांग्रेस ने अपने शासन काल में असंवैधानिक तरीके से तुष्टिकरण की राजनीति करते हुए धर्म के आधार पर आरक्षण दे रखा था, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में कर्नाटक की भाजपा सरकार ने उस आरक्षण को रद्द करके एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणी के लिंगायत और वोक्कालिगा समाज के आरक्षण में बढ़ोतरी करने का काम किया है। कर्नाटक की जनता के ज़ेहन में यह बस चुका है कि भाजपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो मोदी जी के नेतृत्व और अमित शाह के मार्गदर्शन में कर्नाटक का सर्वांगीण विकास करते हुए कर्नाटक से गरीबी का शत-प्रतिशत उन्मूलन करेगी।

कर्नाटक के अलग-अलग क्षेत्र के लिए अमित शाह की अलग-अलग रणनीतियों की वजह से पिछले 4 वर्षों से कर्नाटक में राजनीतिक स्थिरता और विकास की नई कहानी लिखी जा रही है।

 

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